लोहड़ी, लोहड़ी त्यौहार | Lohari Festival

लोहड़ी, लोहड़ी त्यौहार | Lohari Festival

लोहड़ी, लोहड़ी त्यौहार, Lohari Festival

लोहड़ी उत्तर भारत का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है। यह त्यौहार मकर संक्रान्ति से 1 दिन पहले बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। “मकर संक्रान्ति” का त्यौहार पंजाब में ‘लोहड़ी’ के नाम से मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन आस-पास के सभी लोग एक स्थान पर एकत्रित होकर अलाव जलाने की तैयारी करते हैं और शाम के समय सभी लोग उस स्थान पर पहुंचते हैं। इस त्यौहार पर सभी लोग गले मिलते हैं और अलाव के किनारे घेरा बनाकर बैठते हैं, गाना गाते हैं, नाचते हैं और नाचते समय आग में कुछ रेवड़ी, तिल, मूंगफली अलाव में डालते हैं। लोहड़ी के दिन गुड, तिल की रेवड़ी, मूंगफली, गजक खाने का अधिक महत्व होता है और एक दूसरे को आपस में मिठाई बांटकर लोहड़ी के त्यौहार को बड़े धूम-धाम से मानते हैं।

यह त्यौहार भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न नामों से मनाया जाता है। जैसे- असम में मेघ बिहू, आंध्र प्रदेश में भोगी, पंजाब में लोहड़ी, बिहार, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में मकर संक्रांति, तमिलनाडु में पोंगल आदि। शाम के समय एक पूजा समारोह होता है, जिसमें सभी पुरुष एवं महिलाएं अग्नि की पूजा करते हैं और अग्नि के चारों और परिक्रमा लगाते हैं। यह त्यौहार नववर्ष और वसंत के मौसम के प्रारम्भ होने के साथ-साथ सर्दी के मौसम के अंत का प्रतीक है। साल की सबसे लम्बी रात लोहड़ी की रात होती है, उसके बाद से दिन बड़े हो जाते हैं और रात धीरे-धीरे छोटी होने लगती हैं।

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