Kashmir, About Kashmir, Kashmir in Hindi, Kashmir ki Jankari / कश्मीर, कश्मीर के बारे में, कश्मीर की जानकारी, कश्मीर की जानकारी हिंदी में
कश्मीर जम्मू - कश्मीर का उत्तरी भौगोलिक क्षेत्र है। जम्मू का क्षेत्र पीर पंजाल की पहाड़ी तक है। पीर पंजाल की पहाड़ी के दूसरी ओर कश्मीर का क्षेत्र लगता है। जम्मू और कश्मीर का क्षेत्रफल लगभग 222,236 वर्ग किमी है, जिसमें कश्मीर का क्षेत्रफल लगभग 16,000 वर्ग किमी है और जम्मू का क्षेत्रफल लगभग 36,315 वर्ग किमी है। कश्मीर में 10 जिले हैं श्रीनगर, पुलवामा, अनंतनाग, बांडीपुरा, बड़गाम, कुलगाम, बारामूला, शोपियां, कूपवाड़ा और गन्दरबल। कश्मीर एक मुस्लिमबहुल क्षेत्र है। कश्मीर में हिन्दू और मुसलमान दोनों हैं लेकिन यहाँ पर हिन्दुओं की संख्या कम और मुस्लिम की संख्या ज्यादा है। कश्मीर में हिन्दू में ज्यादातर गुर्जर, राजपूत और ब्राह्मण हैं। मुस्लिम में सुन्नी, शिया, बहावी, अहमदिया मुस्लमान हैं।
कश्मीर का इतिहास / कश्मीर की जानकारी
कश्मीर जम्मू - कश्मीर का उत्तरी भौगोलिक भाग है। कश्मीर एक मुस्लिमबहुल क्षेत्र है। जम्मू, कश्मीर और लद्दाख राज्य पहले एक ही राज्य था जम्मू-कश्मीर जो पहले हिन्दू शासकों और फिर बाद में मुस्लिम सुल्तानों के अधीन रहा। बाद में यह राज्य अकबर के शासन काल में मुगल साम्राज्य के अधीन रहा। सन 1756 से अफगान शासन के बाद 1819 में यह राज्य पंजाब के सिख साम्राज्य के अधीन हो गया था। 1846 में एंग्लो और सिखों का युद्ध हुआ जिसमें सिखों की हार हो गई थी। जिस समय यह युद्ध हुआ था उस समय भारत में अंग्रेजों का शासन था, सिखों की हार के बाद अंग्रेजों से अमृतसर की सन्धि हुई इस सन्धि के तहत अंग्रेजों से क्षेत्र की खरीद पर जम्मू के राजा गुलाब सिंह कश्मीर के नए शासक बने थे, यह संधि ब्रिटिश अधिराजस्व में हुई थी। भारत की स्वतन्त्रता के समय महाराज हरि सिंह यहाँ के शासक थे।
जम्मू के राजाओं की सूची:
- राय सूरज देव 850-920
- राय भोज देव 920-987
- राय अवतार देव 987-1030
- राय जसदेव 1030-1061
- राय संग्राम देव 1061-1095
- राय जसास्कर 1095-1165
- राय ब्रजदेव 1165-1216
- राय नरसिंहदेव 1216-1258
- राय अर्जुनदेव 1258-1313
- राय जोधदेव 1313-1361
- राय मलदेव 1361-1400
- राय हमीरदेव (भीमदेव) 1400-1423
- राय अजायब देव राय (1528 तक)
- राय कूपर देव 1530-1570
- राय समील देव 1570-1594
- राय संग्राम, जम्मू राजा 1594-1624
- राय भूप देव 1624-1650
- राय हरिदेव 1650-1686
- राय गुजै देव 1686-1703
- राजा ध्रुव देव 1703-1725
- राजा रंजीत देव 1725-1782
- राजा ब्रजराज देव 1782-1787
- राजा संसपूर्ण सिंह 1787-1797
- राजा जीत सिंह 1797-1816
- राजाकिशोर सिंह 1820-1822
जम्मू और कश्मीर के महाराजा
- महाराजा गुलाब सिंह 1822 से 1856
- महाराजा रणबीर सिंह 1856 से 1885
- महाराजा हरि सिंह 1925 से 1947 तक
कश्मीर विवाद
भारत जब 1947 में अंग्रेजों से आजाद हुआ उस समय जिन्ना ने एक अलग मुस्लिम राष्ट्र की घोषणा करदी और भारत का विभाजन कर दिया। भारत का विभाजन में भारत का एक भू-भाग धर्म को लेकर अलग हो गया, इस भू-भाग का नाम पाकिस्तान रखा गया। उस समय पाकिस्तान के दो हिस्से थे पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। 1971 में पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर बांग्लादेश बन गया और पश्चिमी पाकिस्तान जो अभी है। भारत के विभाजन के समय कश्मीरी पंडित, शेख़ अब्दुल्ला और राज्य के ज़्यादातर मुस्लिम कश्मीर को भारत में ही चाहते थे। लेकिन पाकिस्तान को ये बर्दाश्त नहीं था कि कोई मुस्लिम राष्ट्र बहुमत प्रान्त भारत में रहे। इस वजह से 1948 में पाकिस्तानी सेना ने कबाइलियों के साथ मिलकर कश्मीर पर हमला कर जम्मू व कश्मीर के बहुत बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तान द्वारा कब्जा किये गये जम्मू-कश्मीर के हिस्से पर भारतीय सेना ने इसे पाकिस्तान से मुक्त कराने के लिये अभियान चला ही रही थी लेकिन बीच में ही भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तत्काल युद्ध रुकवा दिया और एक तरफा घोषणा के चलते भारत और पाकिस्तान की जम्मू-कश्मीर में सीमा रेखा बन गई। इसी के चलते तभी से कश्मीर एक विवादित क्षेत्र बना हुआ है।
यह विवाद भारत - पाकिस्तान के बीच हुये तीन युद्ध और कई अन्य सशस्त्र झड़पों के बाद हुआ। कश्मीर विवाद कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के अधिकार को लेकर 1947 से जारी है। कश्मीर को भारत में मिलाने के लिए विलय-पत्र पर दस्तखत किए गये थे, जिसे गवर्नर जनरल माउंटबेटन ने 27 अक्टूबर को मंजूरी दी थी। विलय-पत्र में वही सब लिखा हुआ था जो सैकड़ों रजवाड़ों ने अपनी-अपनी रियासत को भारत में शामिल करने के लिए लिखा था। इस दस्तावेज पर दस्तखत होते ही पूरा जम्मू और कश्मीर (जिसमें पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाला क्षेत्र भी शामिल है) भारत का हिस्सा बन गया।
कश्मीर विवाद की कुछ बातें
22 October 1947 – अभी चल रहा है.... | |
कश्मीर | |
(अभी चल रहा है...) |
भारत - पाकिस्तान के बारे में / वर्तमान स्थिति और राजनीतिक विभाजन
जम्मू-कश्मीर के लगभग 13,297 वर्ग किमी क्षेत्र पर आज भी पाकिस्तान का कब्जा है। इसे पाक अधिकृत कश्मीर (POK) कहते हैं।
भारत के इस उत्तरी राज्य के 3 क्षेत्र हैं- जम्मू, कश्मीर और लद्दाख। उस समय भारतीय राजनेताओं ने इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों को समझे बगैर इसे राज्य घोषित कर दिया। यह तीनों क्षेत्र एक ही राजा के अधीन थे। अलग राज्य घोषित किए जाने के बाद इसका नाम जम्मू-कश्मीर रखा गया और लद्दाख को जम्मू का ही हिस्सा माना गया।
भारत इस जम्मू और कश्मीर के लगभग 45% भूमि क्षेत्र को नियंत्रित करता है, जिसमें जम्मू, कश्मीर घाटी, लद्दाख का अधिकांश भाग, सियाचिन ग्लेशियर और इसकी 70% आबादी शामिल है। पाकिस्तान इसके भूमि क्षेत्र को लगभग 35% नियंत्रित करता है, जिसमें आज़ाद कश्मीर और गिलगित-बल्तिस्तान शामिल हैं और चीन लगभग शेष 20% भूमि क्षेत्र को नियंत्रित करता है, जिसमें अक्साई चीन, निर्जन ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट और डेमचोक सेक्टर शामिल है।
1947 और 1948 का समय
महाराज हरि सिंह 1947 में उपमहाद्वीप के ब्रिटिश शासन व ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य के बाद के नए स्वतन्त्र डोमिनियन ऑफ़ इण्डिया और डोमिनियन के पाकिस्तान विभाजन के बाद राज करने वाले सम्राट थे। 1948 के आखिरी दिनों में संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक युद्ध विराम पर सहमति बनी और तब से संयुक्त राष्ट्र द्वारा जनमत संग्रह की माँग की गई भारत - पाकिस्तान के बीच सम्बन्धों में कोई कमी नहीं आई, और फिर इन सबके बाद 1965 और 1999 में कश्मीर पर दो और युद्ध हुए।
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