अज़ीज़ भी वो हैं नसीब भी वो हैं दुनिया की भीड़ मैं करीब भी वो हैं उनके आशीर्वाद से है चलती ज़िन्दगी खुदा भी वो हैं और तकदीर भी वो हैं।
*कभी_कभी लगता है कि ....ज़िन्दगी कुछ_कुछ ख़फ़ा है..!*
*फ़िर ये सोच लेते हैं क़ि..*
*अजी छोड़िये भी........*
*ये कौन सा पहली दफ़ा है..!*
*फ़िर ये सोच लेते हैं क़ि..*
*अजी छोड़िये भी........*
*ये कौन सा पहली दफ़ा है..!*
*जिंदगी से हर पल, एक मौज़ मिली,
*कभी कभी नहीं, हर रोज मिली,
*एक अच्छा दोस्त मांगा था जिन्दगी से,
*पर मुझे तो यहाँ, पूरी विद्वानों की फौज मिली,
*हमारा ग्रुप कोई वाशिंग पाउडर नहीं है, जो,
*पहले इस्तेमाल करें, फिर विश्वास करे,
*हमारा ग्रुप तो जीवन बीमा है,
*"जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी"
*मुझे नही पता, कि, मैं एक बेहतरीन ग्रुप मेंबर हूँ, या नही,*
*लेकिन मैं जिस ग्रुप में हूँ, उसके सारे मेंबर बहुत बेहतरीन हैं।
*कभी कभी नहीं, हर रोज मिली,
*एक अच्छा दोस्त मांगा था जिन्दगी से,
*पर मुझे तो यहाँ, पूरी विद्वानों की फौज मिली,
*हमारा ग्रुप कोई वाशिंग पाउडर नहीं है, जो,
*पहले इस्तेमाल करें, फिर विश्वास करे,
*हमारा ग्रुप तो जीवन बीमा है,
*"जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी"
*मुझे नही पता, कि, मैं एक बेहतरीन ग्रुप मेंबर हूँ, या नही,*
*लेकिन मैं जिस ग्रुप में हूँ, उसके सारे मेंबर बहुत बेहतरीन हैं।
*गेंद* बना लो मुझको
तुम बन जाओ *खेलनहार* ...
ऐसी मारो ठोकर *मेरे श्याम ,*
कर दो *भव से पार* ...
तुम बन जाओ *खेलनहार* ...
ऐसी मारो ठोकर *मेरे श्याम ,*
कर दो *भव से पार* ...
*धन कहता मुझे जमा कर* ....
*कैलेंडर कहता है मुझे पलट...*
*समय कहता हैं मुझे प्लान कर...*
*भविष्य कहता हैं मुझे जीत....*
*सुंदरता कहती हैं मुझे प्यार कर....*
*लेकिन*
*भगवान साधारण शब्दों मैं कहता हैं...*
*कठिन मेहनत कर मुझ पर विश्वास कर!!!.*
*कैलेंडर कहता है मुझे पलट...*
*समय कहता हैं मुझे प्लान कर...*
*भविष्य कहता हैं मुझे जीत....*
*सुंदरता कहती हैं मुझे प्यार कर....*
*लेकिन*
*भगवान साधारण शब्दों मैं कहता हैं...*
*कठिन मेहनत कर मुझ पर विश्वास कर!!!.*
साँवरे
मुझे नही पता मेरा तुझ से क्या है वास्ता..
मगर मुझे इतना पता है साँवरे,
कि तूँ ही तो मंजिल मेरी..
तूँ ही मेरा रास्ता .....
मुझे नही पता मेरा तुझ से क्या है वास्ता..
मगर मुझे इतना पता है साँवरे,
कि तूँ ही तो मंजिल मेरी..
तूँ ही मेरा रास्ता .....
आँखें खोलो भगवान का नाम लो,
सांस लो ठंडी हवा का जाम लो,
फिर ज़रा मोबाइल हाथ में थाम लो,
और हमसे दिलकश सुबह का पैगाम लो.
सांस लो ठंडी हवा का जाम लो,
फिर ज़रा मोबाइल हाथ में थाम लो,
और हमसे दिलकश सुबह का पैगाम लो.
सच्चाई के इस जंग मे ,
कभी झूठे भी जीत जाते है..
समय अपना अच्छा न हो तो ,
कभी अपने भी रूठ जाते है..
कच्चे मकान देखकर किसी से
रिश्ता ना तोडना क्योंकि
मिट्टी की पकड बहुत मजबूत होती है
और संगमरमर पर तो अक्सर पैर फिसल जाते हैं
कभी झूठे भी जीत जाते है..
समय अपना अच्छा न हो तो ,
कभी अपने भी रूठ जाते है..
कच्चे मकान देखकर किसी से
रिश्ता ना तोडना क्योंकि
मिट्टी की पकड बहुत मजबूत होती है
और संगमरमर पर तो अक्सर पैर फिसल जाते हैं
1 टिप्पणियाँ
हिंदी की गिनती Hindi Counting – आज के समय में हमारे देश में अंग्रेजी भाषा का परचम दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है और हम अपनी भाषा का ज्ञान भूलते जा रहे है उसी में से एक है हिंदी गिनती (Hindi Counting) आज हिंदी की गिनतियाँ का प्रयोग कम होता जा रहा है।
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